नगर पालिका परिषद खटीमा के अधिशासी अधिकारी के कार्यों के जांच के दिए आदेश आपको बता दें की खटीमा नगर पालिका में लगातार दीपक शुक्ला अधिशासी अधिकारी के कमान संभालने के बाद से ही विवादों में घिरे हुए हैं कभी टेंडर प्रक्रिया को लेकर तो कभी डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के मामले को लेकर कहीं निर्माण कार्यों को लेकर तो कहीं स्ट्रीट लाइट की खरीद फारूक और तो और आपको बता दें कि जहां एक तरफ पुन्य कमाने के लिए लोग पानी पिलाते हैं शहरी क्षेत्र हो या ग्रामीण क्षेत्र में वही नगर पालिका अधिशासी अधिकारी द्वारा वाटर कूलर तो खरीद कर लगा दिए गए हैं ना तो उनमें पानी की सप्लाई दी गई है और ना ही उनमें बिजली के कनेक्शन दिए गए हैं जहां एक तरफ लोग पुन्य कमाने के लिए आमजन को पानी पिलाते हैं वहीं एक तरफ नगर पालिका अधिशासी अधिकारी दीपक शुक्ला सरकार के धान का दुरुपयोग कर बंदर बांट करने में लगे हुए हैं इसी प्रकार के कई सारे मामलों पर खटीमा अधिशासी अधिकारी दीपक शुक्ला के कार्यों से नाराज होकर कई सारे लोगों द्वारा शिकायती पत्र भेजे गए भेजी गई शिकायतों का संज्ञान लेते हुए शहरी विकास विभाग के सचिव द्वारा आदेशित किया गया कि कई सारे कार्यों में अनियमित पाए जाने वह शिकायतकर्ताओं की शिकायत सही पाई जाने के आधार पर खटीमा नगर पालिका अधिशासी अधिकारी दीपक शुक्ला के कार्यों की जांच के आदेश कर दिए गए हैं आपको बता दें कि खटीमा नगर पालिका क्षेत्र उत्तराखंड के ईमानदार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का गृह क्षेत्र है और प्रदेश के मुख्यमंत्री लगातार भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड बनाने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं और अपनी ईमानदारी के साथ कार्य भी कर रहे हैं लगातार अधिकारियों को आदेशित करते रहते हैं कि अगर कोई भी अधिकारी गलत कार्य करता है तो उसको बक्शा नहीं जायेगा लेकिन उसके बावजूद भी आखिर नगर पालिका अधिशासी अधिकारी दीपक शुक्ला किसकी सह पर इतना बड़ा खेल कर रहे हैं नगर पालिका के अंदर आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले ही माननीय उच्च न्यायालय के आदेश को भी उन्होंने तक पर रख दिया था मामला इस प्रकार था कि डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की टेंडर प्रक्रिया में उनके द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों को भी तक पर रखकर टेंडर प्रक्रिया कर दी गई थी और फिर अपने ही किए हुए टेंडर को स्वयं ही निरस्त कर उस प्रक्रिया में संशोधन करने का कार्य किया गया आखिरकार जब माननीय उच्च न्यायालय का आदेश आ चुका था उसके पश्चात भी किस की शह पर अधिशासी अधिकारी दीपक शुक्ला द्वारा टेंडर प्रक्रिया की गई और माननीय उच्च न्यायालय के आदेश को भी ताक पर रखकर आपको बता दें कि खटीमा नगर पालिका को जब से अधिशासी अधिकारी दीपक शुक्ला द्वारा संभाल गया है तब से अब तक नगर पालिका परिषद खटीमा को ऐसा लग रहा है कि जैसे विकास का पहिया थम गया हो क्षेत्र में गंदगी के अंबार लगे हुए हैं नालियां साफ नहीं है कूड़े को जगह-जगह पर जलाया जा रहा है वह क्षेत्र में रोड व नदियों की हालत खस्ता बनी हुई है उसके पश्चात भी उनके द्वारा मनमानी तरीके से कार्य किया जा रहा है और अब तो जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं अब देखना यह है कि आखिर कार जांच के बाद क्या होगा नगर पालिका अधिशासी अधिकारी दीपक शुक्ला का जिनके द्वारा लगातार अपनी मनमानी के साथ कार्य किया जा रहे हैं ना तो उन्हें माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों की परवाह है और ना ही उच्च अधिकारियों की आपको यह भी बता दें की आदर्श आचार संहिता की पश्चात भी नगर पालिका अधिशासी अधिकारी दीपक शुक्ला अपने गृह क्षेत्र में रुके हुए हैं जबकि आदर्श आचार संहिता के पश्चात लगातार गृह क्षेत्र में कार्य कर रहे अधिकारियों का स्थानांतरण अन्य स्थानों पर कर दिया गया था आखिरकार नगर पालिका अधिशासी अधिकारी किसकी छत्रछाया में अपने गृह क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं क्या नगर पालिका अधिशासी अधिकारी के समक्ष चुनाव आयोग का भी कोई बस नहीं चल रहा है जो की आदर्श आचार संहिता के पश्चात भी उन्हें अपने ही गृह क्षेत्र में कार्य करने दिया जा रहा है