खटीमा नगर पालिका अधिशासी अधिकार पर लगे डोर -टू डोर कूड़ा कलेक्शन टेंडर करने में भ्रष्टाचार के आरोप आखिर इमानदार मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में ऐसा भ्रष्टाचारी अधिशासी अधिकारी किसके शह पर कर रहा है कार्य

खटीमा नगर पालिका अधिशासी अधिकार पर लगे डोर -टू डोर कूड़ा कलेक्शन टेंडर करने में भ्रष्टाचार के आरोप आखिर इमानदार मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में ऐसा भ्रष्टाचारी अधिशासी अधिकारी किसके शह पर कर रहा है कार्य

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आपको बता दें की दिनांक 6 मार्च को डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के टेंडर की बिक्री होनी थी लेकिन आरोप लगाने वाले ठेकेदार का यह कहना है कि दिनांक 6 मार्च को टेंडर नहीं बेचे गए और 7 मार्च को टेंडर खोल भी दिए गए अब सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर टेंडर बिका ही नहीं तो टेंडर खुला कैसे तो कहीं ना कहीं यह एक बड़ा गोलमाल नजर आता है आपको बता दें कि नगर पालिका खटीमा के अधिशासी अधिकारी से मीडिया ने इस प्रकरण पर जानकारी लेनी चाहिए तो उन्होंने जानकारी देने से साफ मना कर दिया और नगर पालिका प्रशासक से जानकारी लेने को कहा गया जब मीडिया नगरपालिका प्रशासक उप जिला अधिकारी रविंद्र सिंह बिष्ट के पास पहुंची तो रविंद्र सिंह बिष्ट के द्वारा भी टालमटोल कर मीडिया को कोई जानकारी नहीं दी गई इससे पता चलता है कि कहीं ना कहीं नगर पालिका के इस टेंडर प्रक्रिया में आखिर एक बड़ा खेल खेला गया है जहां एक तरफ उत्तराखंड के ईमानदार मुख्यमंत्री यह कहते हैं कि किसी भी चीज में पारदर्शिता से कार्य किया जाना चाहिए वही एक तरफ भ्रष्टाचारी अधिशासी अधिकारी खटीमा नगर पालिका के द्वारा अपने चुनिंदा ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए पूरे टेंडर में ही झोल-झाल कर दिया जाता है तो आखिर यह एक सोचनीय विषय है कि इमानदार मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में इतना बड़ा झोल-झाल करने वाला अधिशासी अधिकारी आखिर किस के शह पर कर रहा है झोल-झाल कार्य जहां इमानदार मुख्यमंत्री पूरे उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने का प्रयास कर रहे हैं वहीं इस प्रकार के भ्रष्टाचारी अधिशासी अधिकारी उन्हीं के गृह क्षेत्र में उन्हीं के नाम के नीचे कार्य कर पूर्ण तरीके से भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहा हैं आब देखना यह है की आंखें ऐसे भ्रष्टाचारी अधिशासी अधिकारी के ऊपर क्या कार्रवाई की जाती है


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