टनकपुर नगर पालिका के कूड़ा डंपिंग जोन में 7 दिन से जल रहा कूड़ा और नगर पालिका प्रशासन आंखों पर पट्टी बांध कर बैठा है खामोश ना तो नगर पालिका अधिशासी अधिकारी को क्षेत्र में फैल रही बीमारी का डर है और ना ही उच्च अधिकारियों का आखिर किस की शह पर फैला रहे हैं शहर में जहरीला धुआं
टनकपुर चम्पावत
आपको बता दें की इन दोनों उत्तर भारत का सुप्रसिद्ध मां पूर्णागिरि का मेला जोर शोर पर चल रहा है मां पूर्णागिरि के मेले के दर्शन के लिए जो यात्री मां पूर्णागिरि के दर्शन करते हैं वही यात्री नेपाल में जाकर सिद्ध बाबा के दर्शन भी करते हैं नगर पालिका टनकपुर इस मेले में टनकपुर शारदा घाट के आसपास की पार्किंग व्यवस्था व सफाई व्यवस्था को देखा है लेकिन नगर पालिका द्वारा तो हद ही कर दी गई है नगर पालिका द्वारा जहां पर वाहन पार्किंग बनाई गई है यात्रियों के लिए वहीं पर नगर पालिका का कूड़ा डंपिंग जोन है जहां पर पिछले 7 दिनों से कूड़े में आग लगी हुई है और नगर पालिका प्रशासन अपनी आंखों में पट्टी बांध मौन बैठा हुआ है आपको बता दे की एक तरफ उत्तराखंड के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार इस मेले को भव्य रूप देने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं और पर्यटकों को बढ़ाने के लिए शारदा घाट पर शारदा आरती का आयोजन भी किया गया है वहीं नगर पालिका अधिशासी अधिकारी नगर पालिका प्रशासक इस पूरे कार्य पर धंबा लगाए हुए हैं एक तरफ देश के प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत मिशन को लगातार आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं वहीं नगर पालिका टनकपुर द्वारा स्वच्छ भारत के नाम पर कलंक लगाने का कार्य किया जा रहा है जहां पर यात्रियों की पार्किंग व्यवस्था की गई है उस के 50 मीटर दूरी में 7 दिनों से कूड़ा जल रहा है और जहरीला धुआं निकल रहा है लेकिन नगर पालिका प्रशासन को ना तो क्षेत्र में बीमारी फैलने का भय है और ना ही स्वच्छ भारत मिशन का ख्याल आखिर कार ऐसे नकारे अधिकारियों के ऊपर उच्च अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है आखिरकार किस की शह पर अधिशासी अधिकारी स्वच्छ भारत मिशन की धज्जियां उड़ा रहे हैं और शहर में बीमारी फैलाने की तैयारी कर रहे हैं जिन अधिकारियों के कंधों पर पूरे शहर की सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी है आखिरकार वही अधिकारी इतनी गैर जिम्मेदाराना हरकत कैसे कर रहे हैं आखिरकार शहर वासियों के स्वास्थ्य के साथ इतना बड़ा खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है आखिर इसका जिम्मेदार है कौन हमारे द्वारा इससे पूर्व भी इस खबर को प्रमुखता से दिखाया गया लेकिन ना तो नगर पालिका अधिशासी अधिकारी के कानों में जू रैगी और ना ही नगर पालिका प्रशासक उपजिलाधिकारी को कोई फ़र्क पड़ा आखिर इन शहर वासियों का क्या दोष है इसमें कि यह लोग इस जहरीले धुएं के बीच अपने जीवन को जी रहे हैं साथी बाहर से आने वाले श्रद्धालु मजबूरन इस जहरीले धुएं के बीच अपनी गाड़ियां पार्क कर माता रानी के दर्शन के साथ-साथ नेपाल देश जाकर सिद्ध बाबा के दर्शन कर रहे हैं आखिरकार इस प्रकार से गैर जिम्मेदार हरकत करने वाले अधिकारियों पर कोई कार्रवाई होगी या उच्च अधिकारी भी अपनी आंखों को बंद कर बैठे रहेंगे और शहर वालों को इसी प्रकार जहरीले हुए के साथ अपने जीवन को जीना पड़ेगा आखिर कर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का पर्यटक को बढ़ाने का संकल्प कैसे पूरा होगा अगर इस प्रकार के अधिकारी मुख्यमंत्री के ही विधानसभा क्षेत्र में इस प्रकार की हरकत करेंगे तो मुख्यमंत्री जो की लगातार अथक प्रयास कर रहे हैं चंपावत को एक स्वच्छ और सुंदर चंपावत बनाने का वह सपना कैसे पूरा होगा क्या इस पर अब स्वयं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ही संज्ञान लेना पड़ेगा या जिले के उच्च अधिकारी इस पर संज्ञान लेंगे देखना है आखिर होता है क्या?