लोहाघाट (चंपावत) उत्तराखंड
लोहाघाट ग्रोथ सेंटर का मामला एक बार फिर से गरमा गया है प्रशासन के द्वारा एक बार फिर से लोहाघाट ग्रोथ सेंटर में निर्माण की प्रक्रिया शुरू करने से ग्रोथ सेंटर के महिला व पुरुष लोह शिल्पी भड़क गए हैं आज समस्त महिला एवं पुरुष लोह शिल्पी नारायणी देवी और अमित कुमार के नेतृत्व में उपजिलाधिकारी लोहाघाट रिंकू बिष्ट से मिले और ग्रोथ सेंटर में निर्माण कार्य न करवाने की मांग की साथ ही चेतावनी दी अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो आचार संहिता खत्म होते ही जिले के समस्त लोह शिल्पी उपजिलाधिकारी कार्यालय परिसर में आंदोलन शुरू कर देंगे अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर से लोह शिल्पियों ने ग्रोथ सेंटर में ताले जड़ दिए हैं वही अमित कुमार व महिला लोह शिल्पियों ने एसडीएम लोहाघाट को ज्ञापन देते हुए ज्ञापन के माध्यम से कहा अनुसूचित जाति की महिलाओं और लोह उद्यमियों को आगे बढ़ाने के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा ग्रोथ सेंटर खोला गया है जिसमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 100 से ऊपर लोह शिल्पी परिवार कार्य कर रहे हैं जिस ग्रोथ सेंटर के ऊपर हमारा कच्चा माल( सर्कल )को सुखाया जाता है अमित कुमार ने बताया उसके ऊपर जिला प्रशासन के द्वारा अनुसूचित जाति के लोगों को दबाने के लिए जबरदस्ती रेस्टोरेंट का निर्माण कार्य कराया जा रहा है इसके विरोध में सभी अनुसूचित जाति की महिलाओं द्वारा डीएम चम्पावत के माध्यम से मुख्यमंत्री उत्तराखंड को ज्ञापन देने व वार्ता करने जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचे जिसमें डीएम के द्वारा हमारी बात बिल्कुल नहीं सुनी गई जिससे सभी लोह शिल्पी काफी आहत हुए हैं उन्होंने बताया फिर खंड विकास अधिकारी लोहाघाट द्वारा जनप्रतिनिधियों व महिला लोह शिल्पियों के सामने यह आश्वासन दिया गया कि इसके ऊपर निर्माण कार्य की कोई जानकारी नहीं है व उसके ऊपर कोई निर्माण कार्य नहीं किया जाएगा लेकिन उनके द्वारा हमारे साथ छलावा कर दोबारा से विभागीय कर्मचारियों को भेज कर नाप जोख की जा रही है अमित कुमार ने कहा जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती है तब तक सभी लोह शिल्पी ग्रोथ सेंटर को अनिश्चित काल के लिए बंद कर रहे हैं और आचार संहिता समाप्त होने के बाद एसडीएम कार्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन किया जाएगा जिसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी वहीं एसडीएम लोहाघाट रिंकू बिष्ट ने कहा लोह शिल्पियों के द्वारा अपनी समस्या को लेकर प्रार्थना पत्र दिया गया है जिसे वह उच्च अधिकारियों को अग्रसारित कर रही है ज्ञापन देने में कई महिला व पुरुष लोह शिल्पी मौजूद रहे आपको बता दें कि लोह शिल्पी उत्तराखंड में वर्षों से लोहे के बर्तन बनाने का कार्य करते हैं जो की लोहे के बर्तनों के साथ-साथ देवी देवताओं को चढ़ाए जाने वाले दिया,त्रिशूल और देव डमरू को चढ़ाने वाले उनके हथियार भी बनाने का कार्य करते रहे हैं यह उनका पुश्तैनी कार्य है आज कहीं ना कहीं चंद लोगों की वजह से उनके पुश्तैनी कार्य को छिने का काम किया जा रहा है अगर लोह शिल्पी उत्तराखंड के अंदर ना होते तो देवी देवताओं को चढ़ाए जाने वाले हथियार जैसे की त्रिशूल,गंज,फोड़ी,धनुष,दिया इत्यादि कौन बनाता और किस प्रकार से हम उत्तराखंड के देवी देवताओं को उनके हथियार कैसे चढ़ा पाते यह एक बड़ा सोचनीय विषय है कि आज लोग लोह शिल्पी के साथ सरकार द्वारा जो लगातार सहयोग किया जा रहा था उसे पर अचानक से यह स्थिति कैसे पैदा हो गई की लोह शिल्पियों को आज अपने ही पुश्तैनी कार्य के लिए धरने पर बैठने की आवश्यकता पड़ रही है जबकि सरकार लगातार उत्तराखंड के शिल्पकार समाज को आगे बढ़ाने के लिए कार्य कर रही है लेकिन उसके पश्चात भी चंपावत जिला अधिकारी पर लगाए गए आरोप क्या यह सत्य है की चंपावत जिला अधिकारी नवनीत पांडे द्वारा क्या लोग शिल्पियों की बात पर अमल नहीं किया जा रहा है यह एक अपने आप में बड़ा सवाल है? जबकि युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा लगातार अधिकारियों को निर्देशित किया जाता रहा है कि जो भी जिले की समस्याएं हो उनका समाधान जिला अधिकारी व अन्य अधिकारी मिलकर जिले में ही करें उसके पश्चात भी आज लोह शिल्पकारों को मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपना पड़ रहा है और इस विषय पर मुख्यमंत्री को अवगत कराना पड़ रहा है अड देखना यह है कि युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा इन लोग शिल्पियों के लिए क्या निर्णय लिया जाएगा जबकि लोह शिल्पियों को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से पूरी उम्मीद है की उनके साथ न्याय किया जाएगा इसी उम्मीद के सारे उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह जाने को ज्ञापन सोपा है।