✍️✍️वन विभाग द्वारा आज सुबह एक व्यक्ति की बाघ के द्वारा हमले से मृत्यु के पश्चात बाघ को पकड़ने के लिए लगाया गया पिंजरा👉

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खटीमा उत्तराखंड

खबर उधम सिंह नगर की सीमांत खटीमा तहसील के अंतर्गत वन क्षेत्र के आसपास रह रहे ग्रामीणों में इन दोनों बाघ के आतंक का ख्वाब बना हुआ है लगातार पिछले कुछ महीनो में खटीमा तहसील के वन क्षेत्र के अंतर्गत कई सारे लोगों को बाघ द्वारा हमला कर घायल व मौत के घाट उतार जा चुका है इसी क्रम में आज प्रातः काल खेतलखंड मुस्तजार निवासी एक व्यक्ति प्राप्त अपने निजी कार्य हेतु चकरपुर बाजार को साइकिल द्वारा आ रहा था इस दौरान बाघ द्वारा उसे हमला कर मौत के घाट उतार दिया वहीं इस हमले के बाद ग्रामीणों में काफी आक्रोश का माहौल बना हुआ है वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर पुलिस टीम की सहायता व ग्रामीणों की सहायता से मृतक व्यक्ति मृत शरीर को जंगल से बाहर निकाला कर पोस्टमार्टम करने हेतु भेजा गया वहीं इस मृत्यु के पश्चात आम जन में वन विभाग के प्रति आक्रोश भी बना हुआ है साथ ही बाघ के आतंक का भव्य भी बना हुआ है आपको बता दें कि खटीमा तहसील के अंतर्गत वन्य मानव जीव संघर्ष रुकने का नाम नहीं ले रहा है आज की घटना को मध्य नजर रखते हुए वन विभाग द्वारा खेताल खंडा मुस्तजार के प्लांटेशन में घटनास्थल के पास बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया गया आखिरकार यह एक बड़ा सोचनीय विषय है कि अगर वन्य मानव जीव संघर्ष इसी तरह चलता रहा तो क्षेत्र में लोगों को मजबूरन अपना घर द्वार छोड़कर पलायन करना पड़ेगा आखिरकार इसका जिम्मेदार कौन होगा अब कुछ समय बाद विद्यालयों के अवकाश खत्म होने के पश्चात स्कूली बच्चों का आना-जाना भी इन रास्तों से लगातार लगा रहता है लोग अपने बच्चों को स्कूल भेजने में संकोच जाता रहे हैं स्वयं भयभीत हैं आखिरकार इसके लिए क्या ठोस कदम उठाए जाएंगे आपको बताने की खटीमा वन रेंज के अंतर्गत एक ही स्थान नहीं है जहां पर बाघ दिखाई दे रहा है पचौरिया में तीन जगह पर लगातार कई हफ्तों से बाद दिखाई दे रहा है और लोगों द्वारा खटीमा वन क्षेत्र अधिकारी को पत्र भेजकर अवगत कराया गया है कि इन स्थानों पर पिंजरा लगाने की कार्रवाई की जाए सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर कर यह बाघ यहां पर कहां से लाए गए हैं जो लगातार आमजन पर हमलावर बनते जा रहे हैं आमजन का यह कहना है कि हम लोग यहां पर पिछले 60 से 70 सालों से निवास कर रहे हैं लेकिन आज तक ऐसी स्थिति कभी पैदा नहीं हुई कि जो बाघों द्वारा लगातार आवादी क्षेत्र में दिखाई दिए हैं लेकिन कुछ महीनो से इस क्षेत्र में ऐसा महसूस होने लगा कि जैसे आमजन अपने घरों में न रहकर चिड़ियाघर में रह रहे हो जहां पर लगातार बाघ दिखाई दे रहे हो इसी बीच मीडिया से रूबरू होते हुए एसडीओ सचित वर्मा ने बताया कि जो यह वन्य मानव जीव संघर्ष हो रहा है इसे रोकने का पूरा प्रयास किया जाएगा और बहुत जल्द ही बाघ को पड़कर अन्य स्थान पर ले जाया जाएगा

जनहित में जारी -हम अपने चैनल के माध्यम से आप सभी लोगों से निवेदन करना चाहते हैं कि अनावश्यक रूप से जंगलों में ना घूमें व अंधेरे के वक्त जंगलों के आसपास ना जाए , अकेले कभी भी जंगलों में न जाए व जंगलों के आसपास ना घूमें


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